उज्जवल चांदनी के रस में घुले उज्जवल चांदनी के रस में घुले
कुछ यादें अभी ताजा़ है, कुछ वक्त की गर्त में खो गये। कुछ यादें अभी ताजा़ है, कुछ वक्त की गर्त में खो गये।
मैं मासूम बन जाती हूँ अपनी इस सपनों की दुनिया में मैं अक्सर मैं मासूम बन जाती हूँ अपनी इस सपनों की दुनिया में मैं अक्सर
आतुर रजनी उमड़ती उन्मादीत उगने को बेकल सी बड़ी। आतुर रजनी उमड़ती उन्मादीत उगने को बेकल सी बड़ी।
यूं मेरी नींद चुरा कर तुम खुद चैन से कैसे सो जाते हो। यूं मेरी नींद चुरा कर तुम खुद चैन से कैसे सो जाते हो।
बंध कर डायरी मै कैद करना जिंदगी, बहुत दर्ज किया डायरी में दुख को तेरे, बंध कर डायरी मै कैद करना जिंदगी, बहुत दर्ज किया डायरी में दुख को तेरे,